![वर्ण (Varna)](https://vedmantra.in/wp-content/uploads/2024/12/varna-kise-kahte-hain.jpg)
वर्ण (Varna) गुण मिलान की पहली श्रेणी है और यह सामाजिक और मानसिक संगति को दर्शाता है। यह गुण मिलान में 1 अंक का योगदान करता है। वर और कन्या के वर्ण का मिलान यह सुनिश्चित करता है कि उनकी मानसिकता और सामाजिक स्थिति में अनुकूलता हो।
वर्ण चार प्रकार के होते हैं:
- ब्राह्मण (Brahmin): यह उच्चतम स्तर का वर्ण है, और इसका संबंध ज्ञान, शिक्षा और धार्मिक गतिविधियों से होता है।
- क्षत्रिय (Kshatriya): यह योद्धाओं और प्रशासकों का वर्ण है, और इसका संबंध शक्ति, सुरक्षा और शासन से होता है।
- वैश्य (Vaishya): यह व्यापारियों और कृषकों का वर्ण है, और इसका संबंध व्यापार और कृषि से होता है।
- शूद्र (Shudra): यह सेवा करने वालों का वर्ण है, और इसका संबंध सेवाओं और श्रम से होता है।
जब वर और कन्या का वर्ण समान या सामंजस्यपूर्ण होता है, तो यह माना जाता है कि वे मानसिक और सामाजिक दृष्टि से एक-दूसरे के साथ सामंजस्यपूर्ण जीवन बिता सकेंगे।
वर्ण मिलान का महत्व यह सुनिश्चित करना है कि दोनों व्यक्तियों की सोच, दृष्टिकोण और सामाजिक स्थिति में तालमेल हो, जिससे विवाहिक जीवन में समरसता बनी रहे।
यदि वर और कन्या का वर्ण समान या उच्च क्रम में हो, तो उन्हें 1 गुण मिलते हैं। यदि वर्ण मिलान में अनुकूलता नहीं होती है, तो 0 गुण मिलते हैं।
वर्ण मिलान का महत्व
गुण मिलान (Guna Milan) में, वर्ण मिलान का महत्व यह सुनिश्चित करना है कि वर और कन्या मानसिक और सामाजिक दृष्टिकोण से एक-दूसरे के साथ सामंजस्यपूर्ण जीवन बिता सकें। जब दो व्यक्तियों का वर्ण समान होता है या सामंजस्यपूर्ण होता है, तो यह माना जाता है कि वे एक-दूसरे की सोच, दृष्टिकोण और सामाजिक स्थिति को अच्छी तरह समझ सकते हैं।
वर्ण मिलान में अंक
वर्ण मिलान में कुल 1 अंक होता है।
- यदि वर और कन्या का वर्ण समान होता है, तो उन्हें 1 अंक मिलता है।
- यदि वर्ण अलग-अलग होते हैं, तो उन्हें 0 अंक मिलता है।
वर्ण मिलान यह सुनिश्चित करता है कि दोनों व्यक्तियों की मानसिकता और सामाजिक स्थिति में तालमेल हो, जिससे उनका वैवाहिक जीवन सुखमय और सामंजस्यपूर्ण हो सके।