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धनतेरस :-
धनतेरस हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो दीपावली के पांच दिवसीय उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है। इसे धन त्रयोदशी भी कहा जाता है और यह कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन के पीछे कई धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएँ हैं:
- धन्वंतरि की पूजा: यह दिन भगवान धन्वंतरि के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है, जो स्वास्थ्य और चिकित्सा के देवता हैं। मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय वे अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए, इस दिन स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है।
- धन और समृद्धि की कामना: ‘धनतेरस’ नाम का अर्थ है ‘धन’ और ‘तेरस’ यानी तेरहवाँ दिन। इस दिन लोग धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं और अपने घरों में समृद्धि और धन की कामना करते हैं। यह माना जाता है कि इस दिन नए बर्तन, आभूषण और धन (स्वर्ण, चांदी) खरीदने से समृद्धि और खुशहाली आती है।
- व्यापारियों के लिए विशेष दिन: व्यापारिक समुदाय के लिए यह दिन अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। वे अपने नए खाता-बही (लेजर) की शुरुआत करते हैं और अपने व्यवसाय में सफलता की कामना करते हैं।
- रोगों से मुक्ति: इस दिन को स्वास्थ्य और आरोग्य के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है। लोग विभिन्न औषधियों और हर्बल उपचारों का सेवन करते हैं और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए प्रार्थना करते हैं।
- यम दीप दान: धनतेरस के दिन मृत्यु के देवता यमराज के लिए दीप जलाया जाता है। इसे यम दीप दान कहा जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से अकाल मृत्यु का भय कम हो जाता है और परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
इन सभी धार्मिक और सांस्कृतिक कारणों के कारण, धनतेरस का त्योहार भारत और विश्वभर के हिंदू समुदाय में बड़े धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है।