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कुंडली में भाई-बहन को कैसे देखें?
ज्योतिष में जन्म कुंडली के माध्यम से भाई-बहनों (Siblings) से संबंधित जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इसके लिए मुख्य रूप से तीसरा भाव (House), ग्यारहवां भाव (House), और संबंधित ग्रहों का अध्ययन किया जाता है।
ग्रह मैत्री (Graha Maitri) गुण मिलान
1. तीसरा भाव (Third House) – छोटे भाई-बहन
🔹 तीसरा भाव (पराक्रम भाव) भाई-बहनों का मुख्य भाव माना जाता है।
🔹 यह भाव छोटे भाई-बहनों (Younger Siblings) की स्थिति, उनके साथ संबंध, सहयोग, और उनके स्वभाव को दर्शाता है।
🔹 यदि यह भाव मजबूत होता है, तो भाई-बहनों से अच्छा रिश्ता रहता है, और वे जीवन में उन्नति करते हैं।
🔹 यदि यह भाव अशुभ ग्रहों से प्रभावित होता है, तो भाई-बहनों से मनमुटाव या दूरी हो सकती है।
👉 तीसरे भाव के कारक ग्रह:
- मंगल (Mars) – ऊर्जा, साहस और भाई-बहनों से संबंध को प्रभावित करता है।
- शनि (Saturn) – यदि तीसरे भाव में हो, तो भाई-बहनों से दूरी या संघर्ष दिखा सकता है।
- बुध (Mercury) – भाई-बहनों से अच्छे संबंध और संवाद को दर्शाता है।
2. ग्यारहवां भाव (Eleventh House) – बड़े भाई-बहन
🔹 ग्यारहवां भाव (लाभ भाव) बड़े भाई-बहनों (Elder Siblings) को दर्शाता है।
🔹 यह भाव भाई-बहनों से मिलने वाले सहयोग और लाभ को भी दिखाता है।
🔹 यदि यह भाव शुभ ग्रहों से प्रभावित हो, तो बड़े भाई-बहन सहयोगी होते हैं।
🔹 अशुभ प्रभाव से भाई-बहनों से मतभेद या अलगाव हो सकता है।
👉 ग्यारहवें भाव के कारक ग्रह:
- बृहस्पति (Jupiter) – बड़े भाई-बहनों का सहयोग और मार्गदर्शन दर्शाता है।
- शुक्र (Venus) – प्रेमपूर्ण संबंधों का प्रतीक है।
- राहु (Rahu) या शनि (Saturn) – बड़े भाई-बहनों से मतभेद या दूरी दिखा सकता है।
3. कुंडली के ग्रह और भाई-बहनों पर प्रभाव
🔹 मंगल मजबूत हो – भाई-बहनों से साहसिक और ऊर्जावान संबंध होते हैं।
🔹 शनि या राहु तीसरे भाव में हो – भाई-बहनों से दूरी, मनमुटाव या संघर्ष हो सकता है।
🔹 गुरु ग्यारहवें भाव में हो – बड़े भाई-बहन सहायक और मार्गदर्शक होते हैं।
🔹 बुध तीसरे भाव में हो – भाई-बहनों से अच्छी बातचीत और मित्रवत संबंध होते हैं।
4. कुंडली के विशेष योग
✅ पराक्रम योग – यदि तीसरे भाव का स्वामी मजबूत हो और शुभ ग्रहों से युक्त हो, तो भाई-बहनों का सहयोग मिलता है।
✅ दुर्भाग्य योग – यदि तीसरा भाव पाप ग्रहों (राहु, केतु, शनि) से प्रभावित हो, तो भाई-बहनों से मतभेद हो सकता है।
✅ भाग्यशाली भाई-बहन योग – यदि तीसरे भाव में गुरु या शुक्र हो, तो भाई-बहन भाग्यशाली साबित होते हैं।
निष्कर्ष
✔ छोटे भाई-बहनों के लिए तीसरा भाव और मंगल को देखें।
✔ बड़े भाई-बहनों के लिए ग्यारहवां भाव और गुरु को देखें।
✔ शुभ ग्रहों की स्थिति से भाई-बहनों का सहयोग और अच्छे संबंध मिलते हैं।
✔ अशुभ ग्रहों की स्थिति से मतभेद या दूरियां उत्पन्न हो सकती हैं।
यदि आप अपनी कुंडली के अनुसार भाई-बहनों से जुड़े विशेष प्रश्न पूछना चाहते हैं, तो अपनी जन्म तिथि, समय और स्थान साझा करें, ताकि मैं अधिक सटीक जानकारी दे सकूं। 😊🙏